हाफ गर्लफ्रेंड
जिंदगी कुछ और होती। हम घंटों बैठकर चाहे जितने लॉन्ग टर्म प्लान बना ले लेकिन बहुत छोटी-छोटी चीजें हमारी
जिंदगी का नक्शा तय करती है। मैंने ऐसा कोई प्लान नहीं बनाया था कि जिस लड़की से मैं प्यार करूँगा, उससे मेरी
मुलाकात एक बास्केटबॉल कोर्ट पर होगी। में तो वहाँ केवल वक्त काटने के लिए गया था और इसलिए भी कि मेरे
पास जाने के लिए कोई और जगह न थी। स्टीफेंस बास्केटबॉल कोर्ट के बाहर कुछ स्टूडेंट्स जमा थे, जिनमें से अधिकतर लड़के थे। लड़कियों का स्पोट्र्स ट्रायल जो चल रहा था। उन्हें निहारने का इससे बेहतर कोई बहाना नहीं हो सकता था। सभी अंग्रेजी में बतिया रहे
थे, लेकिन मैं चुप्पी साधे रहा। मैंने अपनी पीठ सीधी की और गौर से कोर्ट को देखने लगा, खासतौर पर यही समझने
के लिए क्या यह जगह मेरे लिए है भी या नहीं। जैसे ही दस लड़कियों कोर्ट पर आई, दर्शकों ने बीयर किया। इनमें से
पाँच लड़कियों स्टीफेंस की थी और बाकी पांच वे थीं, जिन्होंने स्पोर्ट्स कोटा के तहत एडमिशन के लिए अप्लाय किया
था।
पीयूष कोर्ट में आए। उनके हाथ में गेंद थी और मुँह में सीटी। जैसे ही उन्होंने सीटी बजाई, लड़कियाँ हरकत में
आ गई।
पाँच फीट नौ इंच की एक लड़की को भारतीय मानदंडों के हिसाब से लंबी ही कहा जाएगा। एक बास्केटबॉल टीम में भी इस हाइट की लड़की लंबी ही कहलाएगी। उसकी लंबी गर्दन, लंबी बाँहे और लंबी टोंगे हर लड़के के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थीं। वह स्पोर्ट्स कोटा एप्लिकेट्स टीम की सदस्य थी। उसने ब्लैक फिटेड शॉर्ट्स और स्लीवलेस स्पोट्र्स बेस्ट पहन रखी थी, जिसके पीछे पीले रंग में 'आर लिखा हुआ था। चंद ही सेकंड में उसने गेंद हासिल कर ली। उसने नाइकी के महंगे एकल लेंग्थ स्नीकर्स पहन रखे थे। मैंने एनवीए के खिलाड़ियों को ऐसे सीकर्स पहने टीवी पर देखा था। उसकी डायमंड ईयर रिंग्स धूप में झिलमिला रही थीं। उसने अपने दाएँ हाथ से गेंद को बिल किया। मैंने देखा कि उसकी खूबसूरत लंबी-लंबी अंगुलियाँ हैं।
"लुक्स के लिए टेन पाइन्ट्स, फोच, 'आर' के द्वारा गेंद पास करने पर एक सीनियर स्टूडेंट ने टिप्पणी की। दर्शक
दबी जुबान से हँस पड़े। बासतौर पर लड़के। इससे पलभर को आर का ध्यान भटका, लेकिन उसने अपना गेम जारी रखा। मानो उसे इस तरह के कमेंट्स की आदत हो।
स्पोर्ट्स कोटा टीम की लड़कियों ने अच्छा खेल दिखाया, लेकिन वे एक टीम के रूप में अच्छा नहीं खेल सकी थीं।
'आर' ड्रिबल करते हुए विरोधी खेमे की बास्केट तक पहुँच गई। तीन विपक्षी लड़कियों उसे घेरे हुई थीं। उसने गेंद अपनी एक टीममेट को पास की, लेकिन वह पास मिस कर गई। 'क्या यार ''आर' चिल्लाई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गेंद विरोधी खेमे के हाथों में पहुंच गई थी. जिसने उसे दूसरे छोर तक पास कर दिया और बास्केट में दे मारा।
'आर' ने मन ही मन खुद को कोसा। इसके बाद उसने अपनी तीन टीममेट्स को सिग्रल किया कि वे विरोधी खेमे की तीन लड़कियों को कवर करें। फिर वह कोर्ट के दूसरे छोर की ओर जाने लगी। जब वह मेरे करीब से होकर गुजरी तो मैंने पसीने में लथपथ, थोड़े लालिमा लिए हुए उसके चेहरे को करीब से देखा। पलभर को हमारी नजरें मिली. या फिर शायद यह मेरी कल्पना रही होगी। लेकिन उस पलभर में मेरे दिल को कुछ हो गया।
बस उसको कवर करो, मैंने कहा कवर करो, 'आर' चिल्लाई। मेरा खयाल उसके दिमाग से कोसों दूर था। उसने अपनी एक टीममेट को गेंद पास की और वह एक बार फिर बास्केट में गेंद मारने से चूक गई। "वॉट बार यू गाईज डुइंग'' उसने परफेक्ट इंग्लिश में चिल्लाते हुए कहा। मैं नर्वस हो गया। मैं भला उससे कैसे
बात कर पाऊँगा? उसका चेहरा मैला कुबेला हो रहा था और उसके माथे और कपोलों पर धूल जमा हो गई थी। इसके बावजूद मैंने अपनी जिंदगी में इससे खूबसूरत चेहरा नहीं देखा था। निश्चित ही, मैंने सोचा भी नहीं था कि उसके साथ मेरी बात आगे बढ़ेगी। वह इतनी पॉश लग रही थी कि शायद वह मेरी तरफ दूसरी बार देखती भी नहीं ।
लेकिन मेरे नसीब में कुछ और ही लिखा था। नहीं तो फर्स्ट हाफ के सातवें मिनट में कॉलेज टीम की कमान गेंद
को कोर्ट के बाहर क्यों दे मारती जो सीधे आकर मेरे सिर से टकराती? मैं क्यों गेंद को फौरन उठा लेता? और सबसे अहम बात यह कि गेंद को लेने के लिए आर ही क्यों आती? 'बॉल, प्लीज, उसने हाँफते हुए कहा। मुझे जैसे लकवा-सा मार गया। 'आई सेड बॉल, प्लीज' उसने कहा मैं एक्स्ट्रा आधे सेकंड तक गेंद को थामे रहा। मैं उसे थोड़ी देर और देख
लेना चाहता था। मैं पसीने में लथपथ उसके चेहरे का एक स्नैपशॉट ले लेना चाहता था, उसे जिंदगी भर के लिए अपने